यूनिसेफ इंडिया ने स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए लॉन्च किया डिजिटल स्वास्थ्य पाठ्यक्रम

10 सप्ताह के ऑनलाइन पाठ्यक्रम में भागीदार रहेंगे आईआईएचएमआर दिल्ली और आईआईटी मुंबई, स्वास्थ्य पेशेवरों को भी मिलेगा लाभ

28 मार्च 2024
Dignitaries at the launch of comprehensive health course by UNICEF and International Institute of Health Management Research, Delhi, and the Indian Institute of Technology Bombay.
UNICEF/2024/Trakroo
Dignitaries at the launch of comprehensive health course by UNICEF and International Institute of Health Management Research, Delhi, and the Indian Institute of Technology Bombay.


नई दिल्ली, 27 मार्च 2024: यूनिसेफ इंडिया, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च (आईआईएचएमआर) दिल्ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे) ने संयुक्त रूप से बुधवार को एक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम लॉन्च किया है। आगामी 17 अप्रैल से शुरू होने वाले इस तकनीकी ज्ञान से भरपूर 'डिजिटल हेल्थ एंटरप्राइज प्लानिंग कोर्स' का लाभ स्वास्थ्य पेशेवर ले सकेंगे।

यह कोर्स डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्टों, हेल्थकेयर प्रशासकों और संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में जरूरी डिजिटल बदलावों के कौशल सिखाएगा। इसमें नीति निर्माता, आईटी पेशेवर और स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन से संबंधित व्यक्ति भी हिस्सा ले सकते हैं। यह पाठ्यक्रम 2023 में भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान लॉन्च किए गए ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन डिजिटल हेल्थ (जीआईडीएच) के लिए यूनिसेफ भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका मकसद सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप डिजिटल प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से उपयोग करके स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार करना है।

इसकी लॉचिंग के दौरान यूनिसेफ के भारत प्रतिनिधि सिंथिया मैक कैफ़्रे ने कहा, “आईआईएचएम, आईआईटी मुंबई और यूनिसेफ द्वारा आज लॉन्च किया गया डिजिटल स्वास्थ्य पाठ्यक्रम स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को सक्षम करके स्वास्थ्य प्रणाली में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता पर आधारित है। अत्याधुनिक कौशल और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के साथ यह पाठ्यक्रम नवीन समाधानों के लिए प्रेरित करता है। देश भर में स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करता है, अंतिम बच्चे तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में तेजी लाने में मदद करता है।

उन्होंने कहा, "जिस परिवर्तनकारी यात्रा पर हम चल रहे हैं वह समानता पर केंद्रित है, इसकी सफलता हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों से नहीं बल्कि हर लड़की, लड़के और हमारे द्वारा सशक्त समुदायों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव से आंकी जाएगी।"

यह पाठ्यक्रम डिजिटल स्वास्थ्य शिक्षा की बढ़ती मांग को संबोधित करने और स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच प्रशिक्षण के प्रभावों को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

10-सप्ताह के पाठ्यक्रम में नौ मॉड्यूल शामिल हैं और डिजिटल स्वास्थ्य कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण विषयों की एक श्रृंखला शामिल है। यह डिजिटल प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा के बीच संबंध को समझने के साथ शुरू होता है, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों की योजना बनाने, स्वास्थ्य प्रणालियों में डिजिटल हस्तक्षेप को एकीकृत करने और उद्यम दृष्टिकोण का उपयोग करके डिजिटल स्वास्थ्य पहल को क्रियान्वित करने के माध्यम से आगे बढ़ता है। प्रतिभागी डिजिटल स्वास्थ्य रणनीतियाँ विकसित करना, उद्यम योजनाओं को लागू करना, डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करना, हस्तक्षेप निष्पादित करना, लागत और खरीद का प्रबंधन करना, साथ ही शासन, नीतियों, विनियमों और कार्यबल के मुद्दों को संबोधित करना सीखेंगे। पाठ्यक्रम डिजिटल स्वास्थ्य के भविष्य पर एक मॉड्यूल के साथ समाप्त होता है।

आईआईएचएमआर दिल्ली की प्रो. सुतापा बी. नियोगी (निदेशक) ने कहा, “कई स्वास्थ्य पेशेवरों के पास डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और इसके कार्यान्वयन से जुड़ी जटिलताओं से निपटने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी में आवश्यक प्रशिक्षण और शिक्षा का अभाव है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करके, यह पाठ्यक्रम डिजिटल युग के अनुकूल होने और पूरे भारत में, विशेष रूप से वंचित समुदायों में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों को विकसित करने की उनकी क्षमता को बढ़ाएगा।

यह पाठ्यक्रम, आईआईएचएमआर दिल्ली, आईआईटी मुंबई के प्रमुख विशेषज्ञों के परामर्श से और यूनिसेफ इंडिया के तकनीकी इनपुट के साथ विकसित किया गया है, जिसे डिजिटल हेल्थ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईसीई) द्वारा पेश किए गए एक वैश्विक कार्यक्रम से भारतीय संदर्भ के लिए अनुकूलित किया गया है।

टाटा सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन से प्रोफेसर संतोष नोरोन्हा ने कहा, “इस डिजिटल स्वास्थ्य पाठ्यक्रम का शुभारंभ भारत में एक मजबूत डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों का एक प्रमाण है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को डिजिटल कौशल से सशक्त बनाकर, हम एक स्वस्थ और अधिक समावेशी भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।''

यह पाठ्यक्रम एक मिश्रित दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें ऑनलाइन मॉड्यूल, आभासी व्याख्यान, इंटरैक्टिव चर्चाएं और व्यावहारिक कार्यशालाएं शामिल हैं। प्रशिक्षकों को अनुभवी डिजिटल स्वास्थ्य पेशेवरों, विषय वस्तु विशेषज्ञों और शिक्षाविदों से लिया जाता है, जबकि सीखने को केस स्टडीज, समूह परियोजनाओं, नेटवर्किंग और ज्ञान साझाकरण के माध्यम से बढ़ाया जाता है।

 

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